एक आदमी को खुद को परमानंद के कगार पर लाने के रोमांच का अनुभव करें, उसका हर स्पर्श उसके कठोर सदस्य के माध्यम से खुशी की लहरें भेज रहा है । यह एकल प्रदर्शन आत्म-आनंद और कच्ची मर्दानगी का एक तांत्रिक प्रदर्शन है ।