आत्म-आनंद का गहन सत्र क्योंकि मैं खुद को तीन बार कगार पर लाता हूं, हर बार चरमोत्कर्ष में देरी करता हूं । अनकटा सौंदर्य और गहन आनंद का एक तांत्रिक प्रदर्शन ।