पिताजी के साथ देर रात की बातचीत के बाद, मेरे अवरोध दूर हो गए । मैंने उत्सुकता से अपनी गांड की पेशकश की, उसके अनुभवी हाथों और मोटे लंड को तरसते हुए । हमारे भावुक मुठभेड़ ने मुझमें एक नई इच्छा को प्रज्वलित किया ।